दो मेंड़ों की लड़ाई है यह। जो जीता वही सिकंदर। एक मेंडा अतीत में किया गया मेरे ही पूर्व जन्मों का पुरुषार्थ और दूसरा मेरे द्वारा वर्तमान में किया गया पुरुषार्थ है। यहां जिसे हम भाग्य या देव कहते हैं वह पूर्वजन्मों का पुरुषार्थ मात्र है। यदि वर्तमान का पुरुषार्थ (लक्ष्य प्राप्ति के लिए किया गया प्रयत्न ,इनपुट ) प्रबल है तो अतीत का पुरुषार्थ या देव हारेगा। भाग्य कमज़ोर इच्छा शक्ति नपुंसक प्रयत्न का सहारा है।
ध्यान दें: कोरोना के नए स्ट्रेन से मरीजों को हो रहा कोविड निमोनिया, ये हैं लक्षण, जानें किसको सबसे ज्यादा खतरा डॉक्टर शिवालक्ष्मी-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (AIIMS ) वायरस की दूसरी लहर भारत पर कहर बनकर टूटी है। हर दिन काफी संख्या में लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। वहीं, देश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत और बेड्स की कमी लगातार देखी जा रही है। ऐसे में कई मरीजों को समय रहते इलाज न मिलने की वजह से उनकी जान भी जा रही है। वहीं, कोरोना का नया स्ट्रेन जिन मरीजों को अपना शिकार बना रहा है, उनमें कोविड निमोनिया पाया जा रहा है। तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। कोविड निमोनिया और निमोनिया में है ये फर्क आमतौर पर कोविड निमोनिया और आम निमोनिया एक जैसे ही होते हैं। लेकिन जिन लोगों को कोविड निमोनिया होता है उनके दोनों फेफड़ों में इंफेक्शन होता है। वहीं, आम निमोनिया वाले मरीजों में ज्यादातर इंफेक्शन एक फेफड़े में होता है। कोविड निमोनिया की पहचान डॉक्टर सीटी स्केन और एक्स-रे के जरिए कर लेते हैं। ये हैं लक्षण कोविड निमोनिया के लक्षण भी आम निमोनिया जैसे ही होते हैं। इ...
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