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Sanjay Nirupam on calling Modi ‘illiterate’: ‘Words I used aren’t undignified, PM isn’t God in a democracy’

काल के प्रवाह में अशेष हो चली नेहरुपंथी कांग्रेस के बचेखुचे भाग के पास अब संजय निरुपम जैसे अपभाषा -भाषी ही बचे हैं। कांग्रेस की अम्मा ने पूर्व में मोदी जी के लिए एक चुनाव सभा में 'हत्यारा 'शब्द का  प्रयोग किया था। लेकिन इन्हें फिर भी माफ़ किया  जा सकता है। ये आज तक भी इस देश की भाषा नहीं जानती न ही शब्दों के संस्कार और उनके ध्वनित अर्थ। लेकिन शेष लोग लालूप्रसाद यादव की तरह धूर्त ही कहे जायेंगे जो जानबूझकर भाषा के साथ मज़ाक करते हुए उसे बिगाडके बोलते हैं और इतराते हैं। असंसदीय को संसदीय भाषा समझते बतलाते और बरती गई भाषा का बचाव करते हैं। 

पूर्व में अपने बड़बोले पन और शेष रह गई आईएएस अकड़ के लिए जाने जाने वाले कुख्यात मणिशंकर अय्यर ने गुजरात विधानसभाई चुनाव से पूर्व प्रधानमन्त्री के लिए कहा था 'नीच किस्म का आदमी "

इसी 'मीन राशि' के युगपुरुष मनीष तिवारी जी ने देश के सर्वोच्च शौर्य के प्रतीक भारतीय सेना के जनरल के प्रति घिघियाके कहा था -'अरे वो मामूली सरकारी कर्मचारी '. 

यूपीए II शासन  में क़ानून मंत्री रहते हुए सलमान खुर्शीद साहब ने अपनी पत्नी द्वारा संचालित विकलांगों के सहायक उपकरण की खरीद फ़रोख़्त  करने  वाली ट्रस्ट के घपले को ढांपते हुए अरविन्द केजरीवाल के लिए कहा था -मेरी गली में आना तुझे देख लूंगा। 
'नेहरू पंथी अवशेषी कांग्रेसी लंका 'में सारे बावन गज के हैं इनमें सिरमौर किसे कहें एक से बढ़कर एक  अपभाषा भाषी और चिरकुट यहां डेरा डाले हुए हैं। चलिए चलते हुए सरसरी तौर पर इनके नाम गिना देते हैं इनके कारनामे और भाषिक सम्बोधन सब जानते हैं इनमें सर्वश्री दिग्विजयसिंह जी को राहुल का  गुरु होने का  सम्मान प्राप्त है। लोग इन्हें प्यार से भोपाली बाज़ीगर कहते हैं। रणदीप सुरजेवाला ..... 
बात साफ़ है चुन -चुन के प्रमुख संविधानिक पदों पर आसीन लोगों को देश की सर्वोच्च न्याय संस्था को  लगातार निशाने पे लिए रहना नेहरू पंथी अवशेषी कांग्रेस का  मुख्य धंधा रह गया है। 

Sanjay Nirupam on calling Modi 'illiterate': 'Words I used aren't undignified, PM isn't God in democracy
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Sanjay Nirupam said, “It’s a democracy and the PM isn’t God in a democracy, people speak of him while maintaining decorum.”
Defending his “unpadh-gawaar” (illiterate) remark against Prime Minister Narendra Modi, Mumbai Congress chief Sanjay Nirupam has said that the words he used are not undignified. “It’s a democracy and the PM isn’t God in a democracy, people speak of him while maintaining a decorum. The words I used aren’t undignified,” ANI quoted Nirupam as saying.
The Congress leader Wednesday said, “Jo bachhe school, college mein padh rahe hain woh Modi jaise unpadh-gawaar ke baare mein jaan kar unko kya milne wala hai? Yeh bahut sharmnaak baat hai ki aaj tak humare desh ke nagrik aur bacchhon ko pata hi nahi hai ki PM ki degree kitni hai. (What will the children studying in schools, colleges gain by learning about an illiterate like Modi? It is a shameful thing that the country’s citizens and children still do not know how many degrees the PM has).”
Raising questions on PM Modi’s educational qualification yet again, Nirupam wondered whether the Delhi University was under pressure to not release the PM’s degree. “If children ask about educational qualification of the PM, what will you tell them? People don’t know his qualification. What are the forces which pressurise Delhi University not to release his degree, even when it’s claimed he studied there?” he said.
Nirupam’s controversial remark against PM Modi has come in response to the screening of ‘Chalo jeete hain’, a short film inspired by Modi’s life, in Mumbai schools.


In 2016, after the demonetisation, Nirupam had blamed PM Modi for the deaths of over 70 persons allegedly linked to demonetisation, saying the Prime Minister “should be booked for murder”. “One and only person is responsible for all these deaths — Prime Minister Narendra Modi. I demand he should be held responsible and booked under Section 302 (of IPC) for murder,” he had said.
It wasn’t the first time a Congress leader’s remarks against PM Modi had sparked a controversy. Ahead of last year’s Gujarat Assembly elections, senior Congress leader Mani Shankar Aiyar had called Modi a ‘neech kisam ka aadmi’. The remark eventually led to his suspension from the party.

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