पता चला ६५ इंटरफेरॉन स्टिमुलेटिंग जींस सार्स -कोव -२ संक्रमण को नियंत्रित करते हैं इनमें से चंद कोशिकाओं में घुसपैठ को भी रोक सकते हैं। आनुवंशिक पदार्थ आरएनए के निर्माण का शमन कर सकते हैं। यह मॉलिक्यूल ही तो विषाणु के लिए संजीवनी लाइफ़ ब्लड है विषाणु का
भारतीय मूल के एक अमरीकी विज्ञानी ने जीवन खंडों , इकाइयों (genes )के एक ऐसे समूह का पता लगाया है जो कोविड -१९ संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने में रणनीति बनाने में कारगर साबित हो सकता है।
पारिभाषिक शब्दावली :इंटरफेरॉन क्या हैं ?
What Is Interferons In Hindi इंटरफेरॉन वायरस संक्रमित कोशीकाओं द्वारा उत्पादित वे प्रोटीन, जो अन्य स्वस्थ कोशीकाओं को वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं, इंटरफेरॉन कहलाते हैं। वायरस संक्रमण में एंटीबायोटिक काम नहीं करता है।एक वायरस से संक्रमित सेल इंटरफेरॉन जारी करता है जिससे आसपास के कोशिकाएं उनके एंटी-वायरल रक्षा को बढ़ा सकें।
इंटरफेरॉन (IFNs) वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, और ट्यूमर कोशिकाओं जैसे कई रोगजनकों की उपस्थिति के जवाब में मेजबान कोशिकाओं द्वारा बनाए गए और जारी किए गए सिग्नलिंग प्रोटीन का एक समूह है। 1957 में, शोधकर्ताओं ने देखा कि इन कोशिकाओं ने तेजी से वायरल प्रतिरोध प्राप्त किया।
अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश प्रजातियां विभिन्न प्रकार के इंटरफेरॉन का उत्पादन कर सकती हैं, और मानव शरीर कम से कम तीन अलग-अलग इंटरफेरॉन, IFN-Α, IFN-That और IFN-Γ का उत्पादन कर सकता है। ये इंटरफेरॉन विभिन्न प्रकारों द्वारा निर्मित होते हैं और जैविक प्रभावों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करते हैं।
एक इंटरफेरॉन कई बीमारियों के इलाज के लिए एक उपयुक्त दवा है।यह एक एंटीवायरस के रूप में कार्य करता है जो क्रोनिक हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस बी, और कॉन्डिलामाटा एक्यूमिनटा जैसे वायरस से संबंधित संक्रमण के उपचार में उपयोगी है।इसका उपयोग कैंसर और मल्टीपल स्केलेरोसिस के उपचार के लिए भी किया जाता है।
क्या है एकिलीज़ -वील का रूपक :
एकिलीज़ का ज़िक्र यूनानी दंत कथाओं में आता है कहा जाता है उसकी माँ ने उस के शरीर को अच्छेद्य बनाने के लिए उसे नदी Styx (स्टीक्स )में डुबकी लगावाई थी। बताया जाता है उसकी एक एड़ी पानी से बाहर रह गयी थी वही उसके शरीर का आरक्षित स्थान रह गया जहां कालान्तर में तीर लगने से वह मारा गया। बोलचालप्रयोग में इसका मतलब होता है किसी की दुखती रग ,कमज़ोरी।
संदर्भ -सामिग्री :
https://www.ibtimes.co.in/indian-american-scientist-spots-genes-that-fight-covid-infection-835436
Indian American scientist spots genes that fight Covid infection
A team of US scientists, led by an Indian-origin researcher, has identified a set of human genes that fight SARS-CoV-2 infection, the virus that causes Covid-19.
"We are still searching for its Achille's Heel so that we can develop optimal antivirals," Chanda said in a paper published in the journal Molecular Cell.
Knowing which genes help control viral infection can greatly assist researchers' understanding of factors that affect disease severity and also suggest possible therapeutic options. The genes in question are related to interferons, the body's frontline virus fighters.
Soon after the start of the pandemic, clinicians found that a weak interferon response to SARS-CoV-2 infection resulted in some of the more severe cases of Covid-19.
This knowledge led Chanda and his collaborators to search for the human genes that are triggered by interferons, known as interferon-stimulated genes (ISGs), which act to limit SARS-CoV-2 infection.
Interferons
"We found that 65 ISGs controlled SARS-CoV-2 infection, including some that inhibited the virus' ability to enter cells, some that suppressed manufacture of the RNA that is the virus's lifeblood, and a cluster of genes that inhibited assembly of the virus," Chanda explained.
"What was also of great interest was the fact that some of the ISGs exhibited control across unrelated viruses, such as seasonal flu, West Nile and HIV, which leads to AIDS".
The team also identified eight ISGs that inhibited both SARS-CoV-1 and CoV-2 replication in the subcellular compartment responsible for protein packaging, suggesting this vulnerable site could be exploited to clear viral infection.
"This is important information, but we still need to learn more about the biology of the virus and investigate if genetic variability within these ISGs correlates with Covid-19 severity," said Laura Martin-Sancho, a senior postdoctoral associate in the Chanda lab.
As a next step, the researchers will look at the biology of SARS-CoV-2 variants that continue to evolve and threaten vaccine efficacy.
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