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किन बालकों में एलर्जीज़ का ख़तरा बढ़ जाता है

अमरीकी चिकित्सा संघ के विज्ञान पत्र JAMA Pediatrics में सद्य प्रकाशित एक दीर्घावधिक अध्ययन के नतीजे बतलाते हैं ,जिन शिशुओं को रोगग्रस्त होने पर एंटीबीओटिक्स दवाएं दी गईं बाल्यकाल में उनके कई किस्म की एलर्जीज़ की गिरिफ्त में आने की संभवाना बढ़ी हुई मिली। अध्ययन के तहत जो २००१ से २०१३ तक की अवधि में जुटाए गये आकड़ों पर खड़ा था सात लाख अठ्ठानवें हज़ार  चार सौ  छब्बीस बालकों का रिकार्ड खंगाला गया। किस  किसको कौन से समूह की एंटीबायोटिक दवाएं देने पर किस किस किस्म की एलर्जीज़ (प्रत्युर्जातमक प्रतिक्रियाओं )हुई इसका लेखा जोखा तैयार करने पर चौंकाने वाले नतीजे सामने आये : पता चला इनमें से कुल १७ फीसद शिशुओं को एक या एक से ज्यादा एंटीबायोटिक दवायें दी गईं। पता चला इनमें अनफिलैक्सिस ,एस्मा ,खाद्यों से पैदा प्रत्युर्जातमक प्रतिक्रियाओं का ख़तरा बढ़ गया। अलावा इसके चमड़ी की एलर्जी डर्मेटाइटिस (अंत:त्वचा शोथ जिसमें चमड़ी लाल तथा दर्दीला हो जाती है )अन्य एलर्जीज़ भी मिलीं।नासिका शोथ राइनाइटिस एवं नेत्र श्लेष्मलसंक्रमण कंजक्टिविटिस की गिरिफ्त में भी बालगण  आये। नेत्र  संक्रमण...

पारितंत्रों की सलामती हमारी सलामती है। वायुमंडलीय तंत्र टूटे तो हम भी नहीं बचेंगे। ये कोरी चेतावनी नहीं है। दुश्चिंता है ग्रेटा थूंबर्गों की मिलेनियल्स की हम सभी की

योरोप में लू का प्रकोप उत्तरी ध्रुव से बड़े पैमाने पर हिमचादर का सफाया इधर हमारे अपने आँगन भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून से होने वाली मूसलाधार बारिस कई इलाको को जल-समाधि दिलवाती दिखी  इस दरमियान चौदह  सौ लोगों ने अपनी जान गंवाई । ज़ोरदार ताबड़तोड़ तरीके से अब तक संदेह की नज़र से देखी गई जलवायु आपदा अब साफ़ साफ़ दस्तक देने लगी है। वन क्षेत्रों की आग अब बरस भर सुलगती है सूखे वन्य इलाके झुलसने को बेबस  खड़े हैं। वन्य प्राणियों के घरोंदों की कौन कहे मानुस भी दहल उठे हैं घर बचायें या  घर का साज़ो सामान या अपनी जान बचाके भाग खड़े होवें हतप्रभ है ऑस्ट्रेलिया जैसे मुल्क भी। इस आपदा से आँखें चुरा ली दिसंबर २०१९ के मेड्रिड में बुलाये गए जलवायु जमावड़े ने। संयुक्त राष्ट्र जलवायु संवाद किसी नतीजे पर न पहुँच सका। अब ये २०२० जाने वह पेरिस सहमति को अमली जामा पहनायेगा या फिर इस ओर  से ट्रम्प की तरह पल्ला झाड़के अलग खड़ा हो जाएगा।इस दौर की युवा भीड़ ग्रेटा  थूंबर्ग  की तरह वर्ष भर एक्शन के लिए हमें  अभिप्रेरित कर रही है। Now is the tim...

UK lesbian couple creates history with 2-womb baby

पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से विभाजित टुकड़ों से पनपे पूर्ण कालिक गर्भ काल के बाद।अलबत्ता एक दुशाला भी थी ये सभी पेटर्नल ट्विन्स थे न के आइडेंटल। कौरवों में वरिष्ठ दुर्योधन की एक मात्र बहन का नाम दुशाला था। आज चर्चा ए...

विज्ञान का कृष्ण पक्ष :Cimate Emergency

 Climate Change a Myth and Or Realty ?    बिला शक जलवायु परिवर्तन हमारी हवा ,पानी और मिट्टी में मानवीयक्रियाकलापों (करतूतों और कुदरत के साथ किये गए हमारे सौतिया व्यवहार )द्वारा पैदा बदलाव की गवाही दृष्टा भाव से देखे जाने के साक्षी एकाधिक संस्थान सरकारी गैरसरकारी संगठन बन रहे हैं। इनमें शरीक हैं : (१ )इंटरगावरनमेंटल पैनल आन क्लाइमेट चेंज बोले तो जलावायु में आये बदलाव से सम्बद्ध  अंतर् -सरकारी (शासकीय) पैनल (२ )जैव वैविध्य और पारि -तंत्रीय सेवाओं से जुड़ा - इंटरगावरनमेंटल साइंस पॉलिसी प्लेटफॉर्म  (३ )जलवायु केंद्रीय जन-नीति  शोध संस्थान इत्यादि सभी ने समवेत स्वर एकराय से साफ -साफ़ माना है और बूझा भी है ,हमारा प्रकृति प्रदत्त पर्यावरण तंत्र  कुदरती (प्राकृत हवा पानी मिट्टी ) और तमाम पारितंत्र (इकोलॉजिकल सिस्टम्स )एक- एक करके लगातार दरकते -टूटते रहें हैं। इनके खुद को बनाये रखने ,साधे रहने की संतुलित बने रहने की कुदरती कूवत चुक गई है। इसी के चलते अनेक प्राणी -प्रजातियां अब विलुप्त प्राय : हैं कितनी ही अन्य प्रज...

ग्रेटा थन्बर्ग ही अब आगे आएँगी। कमान नौनिहाल थामेंगे रोकेंगे जलवायु ढाँचे का बे -दिली से टूटने देना

तीन जनवरी दोहज़ार तीन को स्वीडन में जन्मी युवती ग्रेटा थन्बर्ग को 'ग्लेमर वोमेन आफ द ईयर २०१९ 'एवार्ड से नवाज़ा गया है इतना ही नहीं इन्होनें अंग्रेजी शब्दकोष 'कोलिन्स' को २०१९ का सबसे ज्यादा जनप्रिय वाक्य प्रयोग 'क्लाइमेट स्ट्राइक ' दिया है। यह आकस्मिक नहीं है इसी साल एक सौ तरेपन (१५३ )देशों के ग्यारह हज़ार से भी ज्यादा साइंसदानों ने 'ग्लोबल क्लाइमेट एमरजेंसी 'हमारे हवा -पानी ( जलवायु) के बिगड़ते मिज़ाज़ को लेकर चेतावनी प्रसारित करते हुए कहा है -यह एक आसन्न आपात काल है इससे बचने के लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने होंगे।   जहां बढ़ती आबादी को लगाम लगाना पड़ेगा वहीँ बढ़ते मांस भक्षण को कमतर करना प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत को भीअब ज़रूरी है वहीँ  वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदार में इज़ाफ़ा करना होगा। भारत ने इस दिशा में अच्छी और अनुकरणीय पहल की है खास करके सौर -ऊर्जा क्षेत्र। सब को पेट भर भोजन रहने को आवास भी पीने को पानी मुहैया करवाना आलमी स्तर पर बर्फ़ के बिछौने के पिघलने को थामना भी   ज़रूरी है। इस सबको  हासिल करने के लिए जीवाश्म ईंधन ...

"क़ानून बनाम लूट"के रखवाले

"क़ानून बनाम  लूट"के रखवाले हमारी सम्वेदनात्मक तरफदारी और तदानुभूति शहरी फौज (शहर की हिफाज़त करने वाली पुलिस )के साथ है। अलबत्ता वकीलों का हम सम्मान करते हैं लेकिन लूट में अगुवा उकीलों का नहीं जो सरे आम काले कोट की आड़ में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अफसरान को इन दिनों पीटते देखे जा सकते हैं। ये वकीलनुमा -उकील 'वकील' नहीं हैं -उकील हैं। जो अभी मुज़रिम की ओर  दिखाई देते हैं और बोली बढ़ने पर थोड़ी देर बाद ही पीड़ित की ओर । शहर का रक्षक ऐसी छूट नहीं ले सकता। ले भी ले तो बनाये नहीं रह सकता। उकील बनने से पहले आप कहीं से भी तालीम की रसीदें (डिग्री) ले सकते हैं,  मान्य या फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी से और धड़ल्ले से अपनी प्रेक्टिस उका -लत या मुक्का -लात शुरू कर सकते हैं। पैसे की लात ज्यादा वजनी होती है। पुलिस का सिपाही बनने के लिए फिटनेस होना लाज़मी है ,ट्रेनिंग भी खासी कठोर  भुगतानी पड़ती है। उकाळात में ठेका लिया जाता है केस जितवाने का ,वकालत असल होती है। वकील इंटेलेक्चुअल कहलाते हैं उकील विविधता लिए होता है।पुलिस वाला हो सकता है किसी ख़ास जात -बिराद...

Health benefits of sapodilla-कभी उनकी शक्ल देख कर हम खाना पसंद नहीं करते कभी उनकी खुश्बू सूरत नहीं सीरत देखिये चीकू की

Sapota fruits. Note for rusty gray raw fruits. (Photo courtesy by  Narith5 ) Sapota fruit has gray/brown, sandy, kiwifruit-like outer surface but without the fuzziness. Unripe fruits possess white, hard, inedible pulp that secretes sticky latex containing toxic substance saponin. This milky latex gradually disappears, and its white flesh turns brown as the fruit ripe. Once ripen, it becomes soft, acquires a sweet taste and smooth or grainy texture with slight musky flavor. It contains about 3-10 black, smooth, shiny biconvex/bean shaped, inedible seeds, located at its center. Health benefits of sapodilla कभी उनकी शक्ल देख कर हम खाना पसंद नहीं करते  कभी उनकी खुश्बू  सूरत नहीं सीरत देखिये चीकू की  आइये एक सरसरी नज़र डालते हैं इसके फायदों पर : (१ )चीकू से  आयरन, प्रोटीन , विटामिन -सी , विटामिन- ए ,विटामिन -ई ,सुपाच्य ( काम्प्लेक्स )कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम , केल्शियम ,जैसे खनिज , और कोशिकाओं की टूट फुट की मुरम्मत करने वाले...